वर्णमाला (Varnamala) – एक परिचय [ up police constable exam 2024 में हुआ था और आयोग द्वारा सही माने गए क्वेश्चन है ]
🔸 हिंदी फारसी भाषा का शब्द है।
🟢 हिंदी शब्द की उत्पत्ति ईरानियों द्वारा की गई थी।
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📅 हिंदी से जुड़े महत्वपूर्ण दिवस:
🟢 हिंदी दिवस – 14 सितंबर
🟢 विश्व हिंदी दिवस – 10 जनवरी
🟢 अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस – 21 फरवरी
👉 भारतीय संविधान में हिंदी को मान्यता – 19 सितंबर 1949 को मिली
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👉 वर्णमाला (Alphabet) क्या होती है?
🔹 वर्णमाला को दो भागों में बाँटा गया है:
1. स्वर (Vowels)
2. व्यंजन (Consonants)
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🔍 वर्णमाला की परिभाषा
👉 "वर्णमाला" दो शब्दों से मिलकर बनी है:
वर्ण का अर्थ ➝ ध्वनि (Sound)
माला का अर्थ ➝ समुच्चय (Collection)
🔹 वर्णों के समुच्चय को वर्णमाला कहते हैं।
👉 भाषा की सबसे छोटी लिखित इकाई को वर्ण कहते हैं।
👉 भाषा की सबसे छोटी श्रव्य (सुनी जाने वाली) इकाई को ध्वनि कहते हैं।
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✍️ वर्तमान लेखन के आधार पर हिंदी में कुल वर्ण:
👉 52 वर्ण + 1 विशिष्ट व्यंजन = कुल 53 वर्ण
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🔸 हिंदी वर्णमाला में कुल वर्णों की स्थिति:
👉 स्वर (Vowels) – 13
👉 व्यंजन (Consonants) – 39
👉 विशिष्ट व्यंजन (Special Consonant) – 1
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🔹 स्वर क्या होते हैं?
> वे वर्ण जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से हो सकता है, उन्हें स्वर कहते हैं।
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🔢 स्वरों की कुल संख्या: 13 होती है
👉 स्वर इस प्रकार हैं:
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः
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🔹 1. उच्चारण के आधार पर स्वरों की संख्या – 10
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🔹 2. उत्पत्ति के आधार पर स्वर – 2 प्रकार के होते हैं
🅐 मूल / मौलिक स्वर
> वे स्वर जिनका निर्माण एक खण्ड द्वारा होता है, उन्हें मूल या मौलिक स्वर कहते हैं।
👉 इनकी संख्या – 4 होती है
📌 अ, इ, उ, ऋ
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🅑 संधि स्वर
> जिन स्वरों का निर्माण दो खण्डों द्वारा होता है, उन्हें संधि स्वर कहते हैं।
ये दो प्रकार के होते हैं:
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🅐 सजातीय स्वर
> जिन स्वरों का निर्माण समान जातीय के योग से होता है, उन्हें सजातीय स्वर कहते हैं।
👉 इनकी संख्या – 3 होती है
📌
आ = अ + अ
ई = इ + इ
ऊ = उ + उ
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🅑 विजातीय स्वर
> जो स्वर विभिन्न जाति के योग से निर्मित होते हैं, उन्हें विजातीय स्वर कहते हैं।
👉 इनकी संख्या – 4 होती है
📌
ए = अ + इ
ऐ = अ + ई
ओ = अ + उ
औ = अ + ऊ
👉 इन्हें संयुक्त स्वर भी कहा जाता है।
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🔹मात्रा या कालमान के आधार पर स्वर – 3 प्रकार के होते है
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1️⃣ लघु / ह्रस्व स्वर
> जिन स्वरों का उच्चारण करने में कम समय लगता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।
🟢 इनकी संख्या – 4 होती है
📌 अ, इ, उ, ऋ
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2️⃣ गुरु / दीर्घ स्वर
> जिन स्वरों का उच्चारण करते समय ह्रस्व की अपेक्षा अधिक समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
🟢 इनकी संख्या – 7 होती है
📌 आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
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3️⃣ प्लुत स्वर
> जिन स्वरों का उच्चारण करते समय ह्रस्व और दीर्घ से भी अधिक समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं।
🟢 इनकी संख्या – 1 होती है
📌 ॒ऊँ
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